आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर केस( IAS Pooja Khedkar Case in Hindi)

आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर केस( IAS Pooja Khedkar Case in Hindi)

IAS Pooja Khedkar Case (Who os IAS Pooja Khedkar, why she is in Controvery, Family, Post, Joining) आईएएस अधिकारीआईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर केस( पूजा खेड़कर कौन है?, पूजा खेड़कर विवादो मे क्यों है, पूजा खेड़कर से जुड़े विवाद, परिवार, पोस्ट, प्रशासनिक पृष्ठभूमि)

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर हाल ही में कई विवादों के कारण सुर्खियों में आई हैं। महाराष्ट्र के वाशिम जिले में प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अलग कार्यालय, आधिकारिक कार और अपनी निजी कार पर अनधिकृत बेकन लाइट जैसी विशेषाधिकारों की मांग की, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे। अहमदनगर जिले के पाथर्डी तहसील में जन्मी और पली-बढ़ी पूजा ने 2023 में यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 841 प्राप्त की। हालांकि, उनके विवादित दावे जैसे विकलांगता और ओबीसी प्रमाणपत्र ने उनकी साख को चुनौती दी है। साथ ही, नवी मुंबई पुलिस के एक मामले में हस्तक्षेप ने भी उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है। पूजा का प्रशासनिक पृष्ठभूमि वाला परिवार और उनके पिता की राजनीतिक सक्रियता ने भी इन विवादों में अहम भूमिका निभाई है। पूजा खेड़कर की कहानी उनके प्रारंभिक कैरियर में ही जटिलताओं से भरी हुई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इन चुनौतियों से कैसे निपटती हैं और अपने प्रशासनिक कर्तव्यों को किस प्रकार निभाती हैं।

कौन हैं प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर?

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर हाल ही में विवादों के कारण सुर्खियों में आई हैं। महाराष्ट्र के वाशिम जिले में प्रशिक्षण के लिए शामिल होने के बाद उन्होंने अपने लिए अलग कार्यालय और आधिकारिक कार की मांग की, साथ ही अपनी निजी कार पर बेकन का अनधिकृत उपयोग भी किया।

पूजा खेड़कर का जन्म और पालन-पोषण महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी तहसील में हुआ। वह 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 841 हासिल की।

विवादों में क्यों हैं पूजा खेड़कर?

1. विशेषाधिकारों की मांग

पूजा खेड़कर ने वाशिम में प्रशिक्षण के दौरान अलग कार्यालय और आधिकारिक कार की मांग की थी। पुणे जिला कलेक्टर सुहास दिओसे ने उनके और उनके पिता के ‘आपत्तिजनक व्यवहार’ के बारे में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी।

2. फर्जी विकलांगता का दावा

पूजा ने यूपीएससी में चयन के लिए ‘दृष्टिहीनता और मानसिक बीमारी’ का दावा किया, जिससे उन्हें विकलांग श्रेणी के तहत लाभ मिला। यूपीएससी ने उनके विकलांगता के दावे की पुष्टि के लिए मेडिकल परीक्षा की मांग की, जिसे उन्होंने टाल दिया। बाद में, उनके द्वारा प्रस्तुत एमआरआई रिपोर्ट को यूपीएससी ने अस्वीकार कर दिया।

3. फर्जी ओबीसी प्रमाणपत्र?

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पूजा के ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) स्थिति पर सवाल उठाए हैं, यह दावा करते हुए कि वह एक समृद्ध परिवार से हैं। उनके पिता दिलीपराव खेड़कर ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति को 40 करोड़ रुपये घोषित किया था।

4. नवी मुंबई पुलिस को प्रभावित करने का प्रयास

पूजा ने नवी मुंबई के पुलिस उप आयुक्त विवेक पांसरे से एक चोर की रिहाई की अपील की, जिसे पनवेल पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूजा के इस हस्तक्षेप ने विवाद को और बढ़ा दिया।

5. प्रशिक्षु अधिकारी के तौर पर अनधिकृत सुविधाओं का उपयोग

पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बेकन लाइट और वीआईपी नंबर प्लेट का उपयोग किया और अपनी निजी गाड़ी पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का बोर्ड लगाया। उन्होंने एक आधिकारिक कक्ष, स्टाफ और कांस्टेबल की भी मांग की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए नियमों के खिलाफ है।

परिवार का प्रशासनिक पृष्ठभूमि

पूजा खेड़कर एक प्रशासनिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। उनके पिता दिलीपराव खेड़कर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और उनकी मां भालगांव की सरपंच हैं। उनके पितामह भी एक वरिष्ठ नौकरशाह थे। दिलीपराव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में भाग लिया था।

पूजा खेड़कर के विवादों ने उनके प्रशिक्षण के दौरान ही उनकी पहचान को विवादास्पद बना दिया है। विशेषाधिकारों की मांग, विकलांगता और ओबीसी प्रमाणपत्र पर सवाल, और पुलिस हस्तक्षेप जैसे मुद्दों ने उनके कैरियर की शुरुआत को जटिल बना दिया है। अब यह देखना होगा कि इन विवादों का उनके भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या वह इन समस्याओं से उबर कर अपने प्रशासनिक कर्तव्यों को निभा पाती हैं।

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