नेताजी की पेंटिंग, बुद्ध की मूर्ति… आप भी खरीद सकते हैं भारत के राष्ट्रपतियों को मिले उपहार, जानें कैसे?

Netaji shell craft painting Lord Buddha statue among 250 gifts to presidents on auction नेताजी की पेंटिंग, बुद्ध की मूर्ति... आप भी खरीद सकते हैं भारत के राष्ट्रपतियों को मिले उपहार, जानें कैसे?

<p style="text-align: justify;">नेताजी सुभाष चंद्र बोस की शैल शिल्प पेंटिंग और भगवान बुद्ध की मूर्ति उन चुनिंदा 250 उपहारों में शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रपति <a title="द्रौपदी मुर्मू" href="https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu" data-type="interlinkingkeywords">द्रौपदी मुर्मू</a> और पूर्व राष्ट्रपतियों ने उपहार के तौर पर प्राप्त किया था और ये अब सोमवार से नीलामी के लिए उपलब्ध हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इन उपहारों को खरीदने के इच्छुक व्यक्ति अपनी बोली राष्ट्रपति भवन की एक वेबसाइट पर जाकर लगा सकते हैं, जिसकी शुरुआत राष्ट्रपति मुर्मू ने हाल ही में की थी. नेताजी की यह पेंटिंग, जो जटिल विवरण के साथ एक सुंदर फ्रेम में लगी हुई है, देश के इतिहास में ‘एक महत्वपूर्ण क्षण का स्मरण कराती है’. यह पेंटिंग बोली के लिए उपलब्ध सबसे महंगी वस्तु है, जिसका आधार मूल्य 4,02,500 रुपये है.</p>
<p style="text-align: justify;">पेंटिंग के विवरण के मुताबिक, &lsquo;&lsquo;इस पेंटिंग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक बहुत ही बारीकी से तैयार किया गया चित्र है, जिसे पूरी तरह से नाजुक सीप के टुकड़ों से बनाया गया है. उन्हें उनकी प्रतिष्ठित सैन्य वर्दी में दिखाया गया है, जो दृढ़ता से खड़े हैं, जो ताकत और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.</p>
<p style="text-align: justify;">पेंटिंग की शिल्पकला में हर विवरण को दर्शाया गया है, नेताजी की वर्दी की तहों से लेकर उनकी निगाहों की तीव्रता तक, शैल बनावट और रंगों के एक अनूठे संयोजन का इस्तेमाल कर बनाया गया है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style="text-align: justify;">इस पेंटिंग का वजन 14.15 किलोग्राम है. फ्रेम के शीर्ष पर लगा स्मृति चिन्ह 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में नेताजी द्वारा पहली बार भारतीय तिरंगा फहराने की ऐतिहासिक घटना की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है. यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और नेताजी की इस उद्देश्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में ऐतिहासिक महत्व रखती है.</p>
<p style="text-align: justify;">ई-नीलामी के लिए उपलब्ध एक अन्य वस्तु एक पेड़ के नीचे बैठी भगवान बुद्ध की मूर्ति है. यह उपहार मुर्मू को बिहार के बोधगया में स्थित एक प्राचीन बौद्ध मंदिर महाबोधि मंदिर से मिला था. यह स्थान ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहीं पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. जीवंत पीले रंग की पृष्ठभूमि के साथ, सुनहरे रंग की चादर से ढकी यह बुद्ध प्रतिमा शांत ध्यान मुद्रा में चित्रित की गई है, जो गहन ध्यान और आंतरिक शांति का प्रतीक है.</p>
<p style="text-align: justify;">यह स्मृति चिन्ह 82,500 रुपये के आधार मूल्य पर बोली के लिए उपलब्ध है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिली एक खूबसूरत ट्रॉफी भी 2,700 रुपये के आधार मूल्य पर नीलामी के लिए उपलब्ध है.</p>
<p style="text-align: justify;">पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा, जो पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को भेंट की गई थी, बोली के लिए रखी गई है जिसकी शुरुआती कीमत 3,100 रुपये है. नीलामी के लिए रखी गई उपहार में मिली यह वस्तुएं राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में जनता के अवलोकन के लिए उपलब्ध रहेंगी.</p>

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