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Dhanteras 2023 Date Know The Exact Date And Importance Of This Day

Dhanteras 2023: पंच-पर्व दीपावली का पहला पर्व धनतेरस इस बार पराक्रम योग के साथ शुक्रवार, 10 नवम्बर को मनाया जाएगा. इस दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा. जिस कारण से शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है. साथ ही विष कुंभ योग भी है.

त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 58 तक रहेगी. यदि प्रदोष काल, स्थिर लग्न यानि वृषभ लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है.

धनतेरस 2023 पूजा मुहूर्त (Dhanteras 2023 Puja Muhurat)

  • प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 25 मिनट तक है.
  • वृषभ लग्न का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 8 मिनट से रात्रि 8 बजकर 5 मिनट तक है.
  • दीपदान के लिए मुहूर्त – शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर रात्रि 8 बजकर 26 मिनट तक का समय शुभ है.

कब करें खरीददारी (Dhanteras 2023 Shopping muhurat)

इस बार खरीददारी के लिए धनतेरस पर दोपहर से शाम तक शुभ समय रहेगा. विशेषकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से 2 बजकर 6 मिनट तक और फिर सायं 4 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 26 मिनट तक श्रेष्ठ समय रहेगा.

दुकानदार से सिक्का डलवाएं, चमकेगा भाग्य

ऐसी मान्यता रही है कि आज के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए इसलिए आज के दिन बर्तन खरीदने के परम्परा चली आ रही है. आप-हम सभी बर्तन खरीदते है. जब आप धनतेरस के दिन बर्तन खरीद लें और उस बर्तन का पैसा चुका दें तो दुकानदार को कहें कि अपनी ओर से जितनी उसकी इच्छा हो एक सिक्का उस बर्तन में भेंट स्वरूप रख दे.

यह सिक्का दुकानदार से आप हाथ में नहीं लें, बल्कि स्वयं दुकानदार ही आपके खरीदे गए बर्तन में डाले. फिर इस बर्तन को घर ले आएं और घर लाकर इस बर्तन में खीर अथवा मिठाई रखकर सबसे पहले भगवान कुबेर को अर्पित कर दीजिए. ऐसा करें और फिर देखें चमत्कार कि कैसे आपकी किस्मत बदलकर सभी दुर्भाग्य-सौभाग्य में बदल जायेंगे.

यमराज के लिए दीपदान कैसे, कब करें

धनतेरस पर यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है. यमराज के निमित दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती. इसके लिए संध्याकाल के समय आप आटे का चौमुखी तेल का दीपक बनाकर उसे अपने घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की तरफ लगाये, साथ ही उसमें थोड़ी सरसों, कालीमिर्च और लौंग डाल दें. इसी के साथ ही आप दीपदान अवष्य करें. इसके लिए आप 13 ही दीपक घर के अंदर प्रज्जवलित कर सजाएं.

साथ ही किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दीपक, रूई, तेल, माचिस दान देते हैं तो यम देवता प्रसन्न होंगे और आपके जीवन से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाएगा और माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी.

ये जरूरी काम करना ना भूलें

लक्ष्मी प्राप्ति कल्पों में से एक बहुत ही जरूरी सामग्री है झाडू. धनतेरस तथा दीपावली के दिन झाडू खरीदने की परंपरा सदियो पुरानी है. इस दिन नई झाडू को खरीदकर उसका पूजन करें और इसे खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह विषम संख्या में खरीदा जाएं यानि 1, 3, 5 और 7 इस तरीके से झाडू खरीदना सौभाग्यदायक माना जाता है, दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजन के बाद कुंकुंम तथा चावल से इस झाडू का भी पूजन करें और उस पर पांच बार मोली लपेट दें और किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें. फिर अगले दिन से उसे उपयोग में लें. ऐसा करने से माँ लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ घर की सारी नेगेटिव एनर्जी भी दूर हो जाएगी.

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