यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश का कहना है कि कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में तीन या चार दौर की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं. यह न केवल संसाधनों की बर्बादी है बल्कि कई छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित रखता है.
विश्वविद्यालय अपनी खाली सीटों को भरने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर रहे हैं. CUET परीक्षा में शामिल हुए छात्र, जिन्होंने पहले विश्वविद्यालयों में आवेदन नहीं किया था, उन्हें भी विचार किया जाएगा.
सीयूईटी परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को अब उनके विषय पत्र की परवाह किए बिना प्रवेश के लिए विचार किया जा सकता है.
विश्वविद्यालय किसी विशेष पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए डोमेन विषय-विशिष्ट मानदंडों में ढील दे सकता है.
यदि CUET में शामिल होने वाले आवेदकों की सूची को समाप्त करने के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर सकता है या संबंधित विभाग एक स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित कर सकता है.
Published at : 02 Aug 2024 04:28 PM (IST)
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